Ads 468x60px
Thursday, August 16, 2007
पर्दा बेदर्दी
ये जो पर्दा है बेदर्दी जान ले लेगा,
मैं प्यार करता हूँ उससे यह बात मेरे सिवा कोई जानता नहीं,
अगर जाने तो जान ले लेगा,
उसके आगे पीछे घूमते लोफ़र मुझे अच्छे नहीं लगते,
अगर ये कह दूँ तो लोफ़र जान लेलेगा,
ये जो रात की तनहाई हैं इसमें कितनी गहराई है,
ये रात तो फिर भी कट जाएगी,
पर उसकी एक परछाई जान लेलेगी,
और जब आग में कूद पड़े तो जलने से डरना क्या,
पर उसका दिल जलाना जान ले लेगा,
ये जो पर्दा है बेदर्दी जान ले लेगा ।
.
उसकी प्यारीं आँखे हैं मेरी दुश्मन,
मैं जो छुप छुप के देखा करता हूँ उसको,
ऐसे में आँखो का आँखो से मिल जाना जान ले लेगा,
और जब नज़रें मिल हीं गईं हैं तो कुछ कह भी दो,
यूँ तेरा मुँह फेर के पलके झपकाना जान ले लेगा,
हम तो इसी इन्तज़ार में रहते है कि कब वह निकले बाहर,
पर इस कड़ी धुप में कलि का निकलना और मुरझाना जान ले लेगा,
कितना खुश होता हूँ मैं उसको चमकती चाँदनी में देख कर,
पर रह रह कर चाँद का भी उतना हीं खुश होना जान ले लेगा,
ये जो पर्दा है बेदर्दी जान ले लेगा ।
.
हम उससे उलझने की हिम्मत भला कैसे करे ,
सिर्फ़ उसके बालों का उलझना जान ले लेगा,
कोई कैसे भूल सकता हैं भला,
उसका जवनी के उमंग में फूदकना,
और ऐसे में दुप्पटे का सरकना जान ले लेगा,
वह अगर रुठ गई तो ना जी पाएँगे हम,
और उसका मुस्कुराना भी जान ले लेगा,
पहले तो हम प्यार के नाम से भी डरते थे,
पर अब जो प्यार हो हीं गया है,
तो उसका अंजाम जान ले लेगा,
ये जो पर्दा है बेदर्दी जान ले लेगा ।
Nishikant Tiwari
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
Aab mai kaya kahu ? हो जज़्बात जितने हैं दिल में, मेरे ही जैसे हैं वो बेज़ुबान जो तुमसे मैं कहना न पाई, कहती हैं वो मेरी ख़ामोशियाँ सुन स...
-
नभ को काले बादलों ने घेर लिया था | दिन भर की गर्मी के बाद मौसम थोड़ा ठंडा हो गया था | मैं हमेशा की तरह अपने छत पर संध्या भ्रमण कर रहा था ...
-
कॉलेज से निकलते हीं मुझे एक सॉफ्टवेर कंपनी में नौकरी मिल गयी |कॉलेज में बहुत सुन रखा था कि कंपनियों में एक से बढ़कर एक सुन्दर लड़कियां ...
-
रमेश भाई को जब तक हुए बाल बच्चे, उन्के सर के एक भी बाल नही बचे, कुछ बच्चे उन्हे टकला टकला कह कर चिढाते, तो कुछ सर पे मार के भाग जाते । सारे ...
स्वागत है आपका हिन्दी चिट्ठाजगत में। अच्छी कवितायें हैं लिखते रहिये।
ReplyDelete