Ads 468x60px

Monday, August 13, 2007

नया फैशन

पान के छीटे जो पड़े बुरा ना मानिए ज़माना रंगीन है,
इससे तो आप लग रहें,
हसिनाओं से भी हसीन है,
जहाँ खेली जाती है होली,
यह वो सरज़मीन है,
पान के छीटे जो पड़े बुरा ना मानिए ज़माना रंगीन है ।

लोग आपको देख कर ईष्या से जल जाएंगे
नया फैसन समझ के इसे भी अपनाएंगे,
फिर ड्रेस डिजाइनर में आपका नाम भी प्रचलित होगा,
कौन मुर्ख आपको देख कर ना विचलित होगा,
आप तो बेहतर थे हीं,
पर इससे लग रहे और भी बेहतरीन है

पान के छीटे जो पड़े बुरा ना मानिए ज़माना रंगीन है ।

Nishikant Tiwari

No comments:

Post a Comment

Aab mai kaya kahu ?  हो जज़्बात जितने हैं दिल में, मेरे ही जैसे हैं वो बेज़ुबान जो तुमसे मैं कहना न पाई, कहती हैं वो मेरी ख़ामोशियाँ सुन स...