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Friday, August 10, 2007

गोरी के बदनवा चक चक करेला

गोरी के बदनवा चक चक करेला
देख के दिल्वा धक-धक करेला
मरी ई बुढ़ुवा आज
हाँफ-हाँफ भरेला
गोरी के बदनवा चक चक करेला ।

कहाँ जातारू एतना सज धज के
नचा द हमरा साथ आज नाच के
कर आ करे द प्यार तनी
मुहुवाँ से लार टप टप गिरेला
गोरी के बदनवा चक चक करेला ।

तहरा जईसन ना केहू के गाल बा
चढत जवानी अईसे जईसे चढत ई साल बा
जे भी देखे इहे कहे माल बेमिसाल बा
भड़क जाए ताऊ आ काका
चुनरी तहार सरक-सरक गिरेला
गोरी के बदनवा चक चक करेला ।

हमरा के ले ल साथ
ना त ऐरा गैरा पकड़ ली तहार बहियाँ
बहियाँ पकड़ के कही हम हीं तहार सईयाँ
बजवादी शनईयाँ, ले के भागी मंदीरिया
बियाह अरे करेला
गोरी के बदनवा चक चक करेला ।

Nishikant Tiwari


मुहँ के मुखौटा बना के घूमे गोरी मेला में जाके


मुहँ के मुखौटा बना के घूमे गोरी मेला में जाके
मुहँ में पाउडर एतना कि गाँव भर के लग जाए
हमरा इ ना बुझाला कि एकह डिब्बा कईसे खप जाए
लागेला अइसन कि आइल भूतनी मुहँ में धुरा लगा के
मुहँ के मुखौटा बना के घूमे गोरी मेला में जाके ।

बलवा में अइसन-अइसन किलीप आ हेअबेंड
कि देख के डर जाए हसबेंड
ओठवा पे लाली एतना कि
लगे आइल बिया खून पी के
मुहँ के मुखौटा बना के घूमे गोरी मेला में जाके ।


पारलर जालू फेसियल करालू
घरवा में झोंटा बाहर भवआँ नोचवालू
रखी ह मुहँ छिपा के गोरी
ले ना जाए बनरा मुहँ नोच के
मुहँ के मुखौटा बना के घूमे गोरी मेला में जाके ।


नखुनवा बढइले बाड़ू, केकरा के चिरबू
डरामा से निकल के आइल बाड़ू
रोड पे डरामा करबू
जेकरा के देखे मुस्काके उहे हँसे मुँह छुपा के
मुहँ के मुखौटा बना के घूमे गोरी मेला में जाके ।


क्रीम पाउडर से ना कोई सुन्दर हो जाला
भीतर के सुन्दरता हीं असली कहलाला
गुन जगाव अइसन की सब नाम लेवे तहार मिसाल देके
दुनिया बदल जाई गोरी तनी आव मुहँ धोके
मुहँ के मुखौटा बना के घूमे गोरी मेला में जाके ।




Nishikant Tiwari

1 comment:

  1. बड़ी नीक लागल, इ राऊर कबिता पढ़ी के ।
    लागल रहीं । लिखत रहीं ।

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