मेरा दिल और मेरी जान तुझ पर मिटने को बेताब है ,
बढने लगी बेचैनी मेरी बढने लगी आँखो की प्यास है ,
याद तुझको करूँ और तेरे बिन क्या करूँ ,
थोड़ा मैं शर्माऊँ ,किसको बताऊँ ,
हो रहा क्या मेरे साथ है ।
मेरे होठों की शबनम कह रही,कह रही मेरे केशुओं की शाम है ,
नज़रे उठते नहीं इस कदर हो गई बदनाम है ,
चर्चा होने लगी अपने बारे में कुछ होटों से कुछ ईशारों में ,
रहे मुझसे खफ़ा,क्या यही तेरी वफ़ा ,
कैसे कहूँ सबसे बता कि मेरे हाथों में तेरा हाथ है ।
डरती हूँ खूद से और थोड़ी ज़माने से ,
रिश्ते बनते नही सिर्फ़ नज़रों के मिल जाने से ,
मैं तेरे काबिल कहाँ फिर भी छोड़ के जहाँ ,
आ गए हो जो दिल के आशियाने में ,
एक करो तुम वादा इसमें रहोगे सदा ,
इसके सिवा क्या मेरे पास है ।
लाख रोकूँ तो क्या,कभी अक्स रुकते है समझाने से ,
बन के दुल्हन अरमान मेरी ,
खड़ी है दिल के दरवाज़े पे किसी बहाने से ,
तेरा भी क्या कसूर होगे तुम भी मज़बूर ,
पर आओगे ज़रूर,मुझे पुरा विश्वास है ।
Nishikant Tiwari
Ads 468x60px
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
Aab mai kaya kahu ? हो जज़्बात जितने हैं दिल में, मेरे ही जैसे हैं वो बेज़ुबान जो तुमसे मैं कहना न पाई, कहती हैं वो मेरी ख़ामोशियाँ सुन स...
-
नभ को काले बादलों ने घेर लिया था | दिन भर की गर्मी के बाद मौसम थोड़ा ठंडा हो गया था | मैं हमेशा की तरह अपने छत पर संध्या भ्रमण कर रहा था ...
-
कॉलेज से निकलते हीं मुझे एक सॉफ्टवेर कंपनी में नौकरी मिल गयी |कॉलेज में बहुत सुन रखा था कि कंपनियों में एक से बढ़कर एक सुन्दर लड़कियां ...
-
रमेश भाई को जब तक हुए बाल बच्चे, उन्के सर के एक भी बाल नही बचे, कुछ बच्चे उन्हे टकला टकला कह कर चिढाते, तो कुछ सर पे मार के भाग जाते । सारे ...
nice one.related to my life
ReplyDeleteThanks a lot nidhi.
ReplyDelete