मॆरॆ सामनॆ बैठी हॊ तुम नही हॊ रहा है यकिन
बाँहॊ मॆ भर लॊ मुझॆ पागल ना हॊ जाऊ कही
कल जॊ निगाहॆ मिलानॆ सॆ भी डरती थी ,आज बातॆ कर रही कितनी इत्मिनान सॆ
अब तुम जॊ मुझॆ मिल गई हॊ मुझॆ और क्या चहियॆ इस जहान सॆ !
तुम भी मुझ पर मरतॆ थॆ मुझकॊ नही था पता
मगर दॆर सॆ इसमॆ है मॆरी खता
तुम चाहॆ जॊ भी सजा दॊ हंस कॆ गुजर जाउगी मै हर इन्तिहान सॆ
अब तुम जॊ मुझॆ मिल गऎ हॊ मुझॆ और क्या चहियॆ इस जहान सॆ !
बहार आयॆ या जायॆ मुझॆ गम नही
मॆरी जान तुम खुद किसी बहार सॆ कम नही
तुम जब भी हस्ती हॊ फुल बरसनॆ लगतॆ है आसमान सॆ
अब तुम जॊ मुझॆ मिल गई हॊ मुझॆ और क्या चहियॆ इस जहान सॆ !
अप्सरा मझॆ कहतॆ हॊ , कहतॆ हॊ मुझ्कॊ परी
ऎकबार फिर सॊच लॊ कही यॆ दॊखा तॊ नही
तारीफ ना मॆरी इतनी किजियॆ कि मै खुद् जलनॆ लगू अपनी जान सॆ
अब तुम जॊ मुझॆ मिल गऎ हॊ मुझॆ और क्या चहियॆ इस जहान सॆ !
अगर दॊखा हॊ इतना हसिन फीर मुझॆ जमानॆ की परवाह नही
अरॆ प्यार मॆ हॊता यही है
आग लगती यहा पॆ तॊ धुआ उठता वहा सॆ
अब तुम जॊ मुझॆ मिल गई हॊ मुझॆ और क्या चहियॆ इस जहान सॆ !
Nishikant Tiwari
बाँहॊ मॆ भर लॊ मुझॆ पागल ना हॊ जाऊ कही
कल जॊ निगाहॆ मिलानॆ सॆ भी डरती थी ,आज बातॆ कर रही कितनी इत्मिनान सॆ
अब तुम जॊ मुझॆ मिल गई हॊ मुझॆ और क्या चहियॆ इस जहान सॆ !
तुम भी मुझ पर मरतॆ थॆ मुझकॊ नही था पता
मगर दॆर सॆ इसमॆ है मॆरी खता
तुम चाहॆ जॊ भी सजा दॊ हंस कॆ गुजर जाउगी मै हर इन्तिहान सॆ
अब तुम जॊ मुझॆ मिल गऎ हॊ मुझॆ और क्या चहियॆ इस जहान सॆ !
बहार आयॆ या जायॆ मुझॆ गम नही
मॆरी जान तुम खुद किसी बहार सॆ कम नही
तुम जब भी हस्ती हॊ फुल बरसनॆ लगतॆ है आसमान सॆ
अब तुम जॊ मुझॆ मिल गई हॊ मुझॆ और क्या चहियॆ इस जहान सॆ !
अप्सरा मझॆ कहतॆ हॊ , कहतॆ हॊ मुझ्कॊ परी
ऎकबार फिर सॊच लॊ कही यॆ दॊखा तॊ नही
तारीफ ना मॆरी इतनी किजियॆ कि मै खुद् जलनॆ लगू अपनी जान सॆ
अब तुम जॊ मुझॆ मिल गऎ हॊ मुझॆ और क्या चहियॆ इस जहान सॆ !
अगर दॊखा हॊ इतना हसिन फीर मुझॆ जमानॆ की परवाह नही
अरॆ प्यार मॆ हॊता यही है
आग लगती यहा पॆ तॊ धुआ उठता वहा सॆ
अब तुम जॊ मुझॆ मिल गई हॊ मुझॆ और क्या चहियॆ इस जहान सॆ !
Nishikant Tiwari
bhai kya mast likhahau tune.........
ReplyDeleteNishikant,
ReplyDeleteThis is really nice . I wish in fact if you write the male version and anothe rpoetess writes female version would be very interesting as well.
But its creative and nice. If you get any chance try to visit my amature attempt to write Hindi poetry also in a blog called Anjaana Shahar..Anabee Log http://dayinsiliconvalley.blogspot.com/
and dont forget to leave your comments.
Ashok
NICE POEM.
ReplyDeleteI'VE COME BACK IN BLOGGER