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Showing posts from October, 2007

Is Love Blind ?

I was there on window seat, I prayed, I wished, the seat next to me May be occupied by a girl, a beautiful one Sometimes God is too pleased with you, You get more than what you ask for, I realized this when a great beauty entered the bus, My wish, my prayer picked their peak with multiple pleases to God God was kind, he heard me, And there she was just beside me. You can’t ask for anything more, it is crime. Honey dipped lips, dazzling face with locks like running water Oh dear just look at her eyes, I am lost, Can I believe it? Is she sitting with me? Why so, thanks God you are so merciful. My heart pounced; it had got more than enough, You can’t ask for anything more, it is crime. Really I mean it when I say it. For two hours, it was tour of heaven, I wished I could ask her name and could tell her mine, My heart melted at each attempt Dear I was lost, totally Really I mean it when I say it. The ecstasy casted spell on me, There was turmoil in my heart, I wished I could see her smile,

जीवन दर्शन समाज

परिवर्तन क्यों करे हम शिकवा एक और मैं आगे ही आगे यह कैसा विकास है ज़ज़बात की निलामी इन्सान की मजबूरियाँ स्वाभीमान दीपक से उजाला करते है घर जलाए नही जाते नई सोच मुश्किलों का हल ढूंढता हूँ मैं अकेला कब था !

मुश्किलों का हल ढूंढता हूँ

तेरी बेवफाई से बिखर गया मैं हज़ार टुकड़ो में , जिस टुकड़े में मेरा दिल था वो टुकड़ा आज भी ढूंढता हूँ, रह के मेहफिलों में भी खामोश , अपनी मुश्किलों का हल ढूंढता हूँ । . कुछ जिद है ऐसी की तन्हाइ में जिना सुहाना लगता है, और यहाँ तो सभी अपने अपने में जिए जा रहें हैं, यह शहर भी मेरी तरह दीवाना लगता है, सब ने बाग से फूल तोड़ कर घर के गुलिस्ते सजा डाले, उजड़ा उजड़ा सा है चमन फिर भी सुहाना लगता है । . टूट जाता है इन्सान कभी प्यार में कभी टकरार में पर जिन्दगी चलती रहती है अपनी मस्ती ,अपनी रफ्तार में, खुद को चाहे बाँध लो जंजीरों से, फिर भी मन भागता चला जाता है , और उसके पीछे मज़बूर इन्सान हँफता चला जाता है . हाँ कहीं धूप है तभी तो छाँव है , दो पल की खुशी के लिए सारी जिन्दगी का लगा दाव है , पर रख के गिरवी जिन्दगी को और कया माँगे जिन्दगी से , दो आँसू हीं सही पर खरिदे है खुशी से । Nishikant Tiwari

दीपक से उजाला करते है घर जलाए नही जाते

दीपक से उजाला करते है घर जलाए नही जाते पुराने रिश्तों को तोड़ कर नए बनाए नही जाते और झूट की बुनियाद के महल होते है रेत के दुसरो के घर बसाए नही जाते अपना घर बेच के । . छोटे छोटे बातों पर आंगन बाँट नहीं दिए जाते, जिन पेड़ो पर फल ना हो काट तो नहीं दिए जाते, दोस्ती तुम तुफान से भी कर लो मगर, रास्ते घर के बताए नहीं जाते । . कुछ ज़ख्म ऐसे है जो शौक से ढोए जा रहे हैं, तोड़ कर दिल अपना दुसरों के सपने सँजोए जा रहे हैं, कुछ राज़ ऐसे भी है जो सिर्फ एक से हैं बताए जाते, पर उन्हें भी वो ज़ख्म दिखाए नहीं जाते । Nishikant Tiwari