दीपक से उजाला करते है घर जलाए नही जाते
पुराने रिश्तों को तोड़ कर नए बनाए नही जाते
और झूट की बुनियाद के महल होते है रेत के
दुसरो के घर बसाए नही जाते अपना घर बेच के ।
.
छोटे छोटे बातों पर आंगन बाँट नहीं दिए जाते,
जिन पेड़ो पर फल ना हो काट तो नहीं दिए जाते,
दोस्ती तुम तुफान से भी कर लो मगर,
रास्ते घर के बताए नहीं जाते ।
.
कुछ ज़ख्म ऐसे है जो शौक से ढोए जा रहे हैं,
तोड़ कर दिल अपना दुसरों के सपने सँजोए जा रहे हैं,
कुछ राज़ ऐसे भी है जो सिर्फ एक से हैं बताए जाते,
पर उन्हें भी वो ज़ख्म दिखाए नहीं जाते ।
Nishikant Tiwari
पुराने रिश्तों को तोड़ कर नए बनाए नही जाते
और झूट की बुनियाद के महल होते है रेत के
दुसरो के घर बसाए नही जाते अपना घर बेच के ।
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छोटे छोटे बातों पर आंगन बाँट नहीं दिए जाते,
जिन पेड़ो पर फल ना हो काट तो नहीं दिए जाते,
दोस्ती तुम तुफान से भी कर लो मगर,
रास्ते घर के बताए नहीं जाते ।
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कुछ ज़ख्म ऐसे है जो शौक से ढोए जा रहे हैं,
तोड़ कर दिल अपना दुसरों के सपने सँजोए जा रहे हैं,
कुछ राज़ ऐसे भी है जो सिर्फ एक से हैं बताए जाते,
पर उन्हें भी वो ज़ख्म दिखाए नहीं जाते ।
Nishikant Tiwari
hello boss,
ReplyDeleteYour poem.............
Deepak se ujaala karte hain..........
is excellent.......
Awara