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फुलझड़ियाँ

1.एक दिन रेस्टुरेंट में मुझे एक दोस्त मिल गया
देखकर मुझे उसका चेहरा एक्दम से खिल गया
पास आकर बोला -यार जेब में हैं थोड़े से पैसे
कहती है खाएगी पीज़ा ना की समौसे
मैने कहा- कोई बात नहीं सभी मुश्किलों के दौर से गुज़रते है
ये बात और है कि पहले लोग प्यार की भीख माँगा करते थे
अब प्यार में भीख माँगा करते हैं !!!!
.
.
2.लड़की- प्यार मुझसे करते हो क्या करोगे मुझसे शादी ?

लड़का- क्या तुम्हारी अक्ल हो गई है आधी ?
जब प्यार तुमसे करता हूँ तो तुमसे कैसे कर सकता हूँ शादी !


Nishikant Tiwari

Comments

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कविता की कहानी (Hindi Love Stories)

नभ को काले बादलों ने घेर लिया था | दिन भर की गर्मी के बाद मौसम थोड़ा ठंडा हो गया था | मैं हमेशा की तरह अपने छत पर संध्या भ्रमण कर रहा था | एकाएक तेज़ हवाएं चलने लगीं | पेडो से पत्ते टूट कर आकाश की तरफ चले जा रहे थे | मैं खुद भी को एक पत्ता समझ कर उड़ने जैसा आनंद ले रहा था | तेज़ हवाएं अब आंधी का रूप लें चुकी थी | अचानक कविता दौड़ते हुए अपने छत पर आई और तार से कपड़े उतरने लगी | यह उसका रोज़ का काम था | लेकिन ये क्या ? आज वो गई नहीं बल्कि छत के किनारे आकर मुझे घूरने लगी | कुछ कहना चाहती थी पर चुप हीं रही |मेरा तो आज जम कर भींगने का मन कर रहा था और अब तो वर्षा भी तेज होने लगी थी |मैं मयूर सा झूमता पानी की बूंदों से खेलने लगा | कविता अभी तक गयी नहीं थी |सारे सूखे कपड़े गिले हो चुके थे | वो अब भी वहीँ खड़े निहार रही थी मुझे | यहाँ जल वर्षा के साथ साथ शबनम की भी बारिश हो रही थी | दोनों को एक साथ सहन करना मेरे बस में नहीं था | दिल में एक तूफ़ान सा उठने लगा | मैं नीचे उतर आया | कई बार उसके हाव भाव से लगा कि शायद वह मुझे चाहती है और इशारे से अपने दिल की बात कह रही है पर मैं सदेव इसे अपना भ्रम

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