Skip to main content

शालिनी को प्रेम पत्र

क्या सभी लड़के एक जैसे होते है ? शायद नहीं | पहले मैं भी यही सोचता था क्योंकिं मैं खुद को दूसरो से अलग मानता था |अपनी तारीफ़ कौन नहीं करता |मेरे अंदर वो छिछोरापन नहीं जो किसी भी लड़की को देखते हीं उछंक्रिलता पर उतर जाए |मैं सभी लड़कियों की इज्ज़त करता हूँ और शायद हीं कभी अपनी मर्यादा का उलंघन करता हूँ |यही सोच के सुमित ने मेरी आपसे जान-पहचान कराई थी |वह इतनी दूर अमेरिका में है और आप दिल्ली में |आपका ख्याल नहीं रख सकता तभी तो उसने मेरी आपसे दोस्ती कराई ताकि आपको कोई परेशानी या समस्या होतो आपकी मदद कर सकूँ | उसे मुझ पर पूरा भरोसा था और मुझे अपने आप पर भी लेकिन आपसे इतना घुल मिल जाने के बाद मेरा अपने आप से भरोसा उठने लगा है | अब मैं क्या कहूँ ,आपसे यह सब कहते हुए बड़ा संकोच हो रहा है पर कहना ज़रूरी है | धीरे-धीरे आपका नशा दिलोदिमाग पर इस तरह से छा गया है कि लाख नहीं चाह कर भी मन आपके बारे में हीं सोचता रहता है | आपके साथ बिताये एक-एक पल को रात रात भर जाग केर याद करता रहता हूँ |जब भी मोबाइल की घंटी बजती है ,लगता है आप हीं का फ़ोन है | आप कहा करती थी ना कोई भी लड़का आपका दोस्त बन कर नहीं सकता उसे आपसे प्यार हो ही जाता है | हाँ आप सही थीं | आप जितनी हीं खुबसूरत है उतना हीं खुबसूरत है आपका स्वभाव | आपके व्यक्तित्व का आकर्षण हीं ऐसा है कि कोई खींचे बिना नहीं रह सकता | दीवाना बन हीं जाता है | मुझे अपनेआप पर भरोसा था गुरुर की हद तक पर अब तो मुझमें आप हीं आप हैं मैं ना जाने कहाँ खो गया | समझ में नहीं आता की इल्जाम किस पर लगाऊं, अपने आप पर या आपकी अदाओं पर |

आपको यह सब पढ़ के बहुत दुःख पहुंचा होगा और मुझे भी बहुत बुरा लग रहा है पर मैं क्या करूं ? मुझे गलत मत समझिये |मैं आपसे कुछ मांग नहीं रहा हूँ | बस इतनी गुजारिश है कि मुझसे मेल जोल बंद कर दीजिये | मैं नहीं चाहता कि ये प्यार का अंकुर एक वृक्ष बन जाए जिसे उखाड़ना मुस्किल हो |
पर कोई भी समस्या या चिंता हो तो मुझे ज़रूर याद कीजियेगा | मैं सदैव आपके साथ हूँ | मुझे पता है यह सब कहकर मैं क्या खो रहा हूँ पर चिंता मत कीजिये , खुद को संभल लूँगा | मैंने प्यार किया है और मेरी यही सजा है | वैसे भी इश्क के मारो का दर्द हीं दवा है | आप खुश रहिये |प्रकृति का नियम समझ के भूल जाइए | ये सब इतना आसन नहीं होगा पर आप भी क्या कर सकती है मोर को अपने पंखो की कीमत तो चुकानी हीं पड़ती है |

मैं यह सब आपसे मिल कर कहना चाहता था पर हिम्मत नहीं हुई |इंसान बड़ा स्वार्थी होता है, जानता हूँ कि आप किसी और की हैं फिर भी मेरे मन में ऐसा ख्याल आया | हो सके तो मुझे और मेरे नादान दिल को माफ़ कर दीजिये |

आपका दोस्त
एक पागल प्रेमी

Comments

Post a Comment

Popular posts from this blog

कविता की कहानी (Hindi Love Stories)

नभ को काले बादलों ने घेर लिया था | दिन भर की गर्मी के बाद मौसम थोड़ा ठंडा हो गया था | मैं हमेशा की तरह अपने छत पर संध्या भ्रमण कर रहा था | एकाएक तेज़ हवाएं चलने लगीं | पेडो से पत्ते टूट कर आकाश की तरफ चले जा रहे थे | मैं खुद भी को एक पत्ता समझ कर उड़ने जैसा आनंद ले रहा था | तेज़ हवाएं अब आंधी का रूप लें चुकी थी | अचानक कविता दौड़ते हुए अपने छत पर आई और तार से कपड़े उतरने लगी | यह उसका रोज़ का काम था | लेकिन ये क्या ? आज वो गई नहीं बल्कि छत के किनारे आकर मुझे घूरने लगी | कुछ कहना चाहती थी पर चुप हीं रही |मेरा तो आज जम कर भींगने का मन कर रहा था और अब तो वर्षा भी तेज होने लगी थी |मैं मयूर सा झूमता पानी की बूंदों से खेलने लगा | कविता अभी तक गयी नहीं थी |सारे सूखे कपड़े गिले हो चुके थे | वो अब भी वहीँ खड़े निहार रही थी मुझे | यहाँ जल वर्षा के साथ साथ शबनम की भी बारिश हो रही थी | दोनों को एक साथ सहन करना मेरे बस में नहीं था | दिल में एक तूफ़ान सा उठने लगा | मैं नीचे उतर आया | कई बार उसके हाव भाव से लगा कि शायद वह मुझे चाहती है और इशारे से अपने दिल की बात कह रही है पर मैं सदेव इसे अपना भ्रम

पायल से तो घायल होना हीं था (Hindi Love Stories)

कॉलेज से निकलते हीं मुझे एक सॉफ्टवेर कंपनी में नौकरी मिल गयी |कॉलेज में बहुत सुन रखा था कि कंपनियों में एक से बढ़कर एक सुन्दर लड़कियां काम करती है |सोचा प्यार की नैया जो कॉलेज में पानी में तक उतर ना पायी थी उसे कंपनी में गहरे समुंदर तक ले जाऊँगा |मैं यहाँ आते हीं उस अप्सरा की खोज में लग गया जिसे इस कहानी की नायिका बनना था पर किस्मत ने यहाँ भी साथ नहीं दिया |कोई भी लड़की पसंद नहीं आई | जो प्यार नहीं करते वो लड़कियों की बातें करते है | मैं भी उनसे अलग नहीं हूँ | यहाँ कंपनी में मेरी कई लोगो से दोस्ती हो गयी थी और सबकी मेरी जैसी हीं स्थिति थी | जिस प्रकार कामसूत्र के रचयिता वात्स्यान ने नारी जाती को मोरनी ,हिरनी आदि भागो में विभक्त किया है वैसे हीं उनसे प्रेना पाकर हमने भी लड़कियों की कोडिंग स्कीम तैयार कर ली थी |हमने लड़कियों को चार भागो में बांटा १. वेरी गुड आईडिया २. गुड आईडिया ३. नोट अ बैड आईडिया ४. नोट अ आईडिया एट ऑल साथ हीं हमने सभी के पर्यावाची नाम भी रख दिए थे | उदाहरण के तौर पे मेरे सामने वाली लाइन में बैठी दो युवतियों का नाम हमने रूपमती और डबल बैटरी रखा था क्योकि एक बहुत

कल तक था उसे प्यार, आज नहीं है

उसकी आँखों में कितना प्यार कितनी सच्चाई दिखती मेरी कितनी चिंता थी, कितना ख्याल रखती जुदा होने की सोच के कैसे घबरा जाती ऐसे गले लगती कि मुझमे समा जाती उसके प्यार रस में भीग, लगता सब सही है कल तक था उसे प्यार, आज नहीं है | कितने साल महीने हर पल उस पर मरते रहे अपनी खुशनसीबी समझ सब सहते रहे, सब करते रहे हृदय की हर धड़कन उसका नाम पुकारा करती थी जान हथेली पे ले दौड़ जाते जो एक इशारा करती थी हामारे तो दिल में आज भी ज़ज्बात वही है कल तक था उसे प्यार, आज नहीं है | कहती कि बात किये बिना नींद नहीं है आती अब क्या हो गया कि मेरा फोन नहीं उठती ? सोच के है दम घुटता , साँसे रुकती है निर्लज इन आँखों से गंगा जमुना बहती है जितना मैं तड़प रहा, क्या मरता हर कोई है ? कल तक था उसे प्यार, आज नहीं है | जानू तुम ना मिले तो मर जाउंगी ज़हर खाके अब किसी और संग पिज़ा खाती है कुर्सियां सटाके पैर पे पैर रख केर घंटो बातें होतीं हैं क्या सच में लड़कियां इतनी निर्दयी होती हैं ? क्यों वो मेरे साथ ऐसा कर रही है ? कल तक था उसे प्यार, आज नहीं है | जब तक था उसे प्यार, लगता बस मेरे लिए बनी है अचान