खुद मान जाती तो अच्छा | Hindi Romantic kavita for girlfriend
https://www.youtube.com/watch?v=Bd8BuEuYcTw&t=2s
बातों से जिसकी टीस सी होती है
उसी से रोज़ बातें करने को जी करता है
उसकी बेतुकी बातों में
जिंदगी के मायने ढूढंता फिरता हूँ
वो हर बार मुझसे मिलते है बेवजह
मैं हर मुलाकात की वजह ढूंढता फिरता हूँ |
उसकी आखें ज्यादा सुन्दर है या होठ
अभी तक तय नहीं कर पाया मैं
उसके हँसते गालों के गढ्ढों में
प्यार का भंवर ढूंढता फिरता हूँ |
हाँ , माना थोड़ी नखरीली है
पर क्या करूँ , मुझे मनाना भी तो नहीं आता
यूँ दिल तड़पाने से अच्छा
वो खुद मान जाती तो अच्छा !!
Hindi romantic poem - by Nishikant Tiwari
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