आओ सखी साथ एक शाम गुजारे
हरे नरम घास पर बैठे डूबते सूरज को देखे
अलसाए हुए बिना कुछ कहे एक दुसरे को घंटो निहारें
आओ सखी साथ एक शाम गुजारे |
फैसला ये तुमको करना हीं होगा आज
क्या तुम्हे भी मुझ पर है इतना नाज़
क्या हम भी तुम्हे लगते है इतने हीं प्यारे
आओ सखी साथ एक शाम गुजारे |
जिंदगी है एक सफ़र पर ठहराव तो चाहिए
गलियों से गुजारे कितने मगर अपना एक गाँव तो चाहिए
प्रेम की बस्ती हो किसी नदिया किनारे
आओ सखी साथ एक शाम गुजारे |
ये पल फिर नहीं आयेंगे बार-बार
हांथों में हाँथ डाल आज कर लो इकरार
या लाज के घुंघट से हीं कुछ तो करो इशारे
आओ सखी साथ एक शाम गुजारे |
अपना मुझे कभी तुमने कहा कि नहीं
क्या करूँ नादान हूँ ,कुछ समझता नहीं
सताओ न यूँ , ना सताके तुम
गुस्सा करो मुझसे रूठी रहो,नखरे सहूँ सभी मैं तुम्हारे
आओ सखी साथ एक शाम गुजारे |
Nishikant Tiwari - romantic hindi kavita
हरे नरम घास पर बैठे डूबते सूरज को देखे
अलसाए हुए बिना कुछ कहे एक दुसरे को घंटो निहारें
आओ सखी साथ एक शाम गुजारे |
फैसला ये तुमको करना हीं होगा आज
क्या तुम्हे भी मुझ पर है इतना नाज़
क्या हम भी तुम्हे लगते है इतने हीं प्यारे
आओ सखी साथ एक शाम गुजारे |
जिंदगी है एक सफ़र पर ठहराव तो चाहिए
गलियों से गुजारे कितने मगर अपना एक गाँव तो चाहिए
प्रेम की बस्ती हो किसी नदिया किनारे
आओ सखी साथ एक शाम गुजारे |
ये पल फिर नहीं आयेंगे बार-बार
हांथों में हाँथ डाल आज कर लो इकरार
या लाज के घुंघट से हीं कुछ तो करो इशारे
आओ सखी साथ एक शाम गुजारे |
अपना मुझे कभी तुमने कहा कि नहीं
क्या करूँ नादान हूँ ,कुछ समझता नहीं
सताओ न यूँ , ना सताके तुम
गुस्सा करो मुझसे रूठी रहो,नखरे सहूँ सभी मैं तुम्हारे
आओ सखी साथ एक शाम गुजारे |
Nishikant Tiwari - romantic hindi kavita
aapki kavitayen kamaal ki hain. Kaise likhte hain aap aisa ?Ye poem bahut hi pyari aur simple hai.I like it very much.
ReplyDeletehttp://teenagedrift.com/2013/06/girls-vs-boys-shayari/
ReplyDeleteGuyz lets have the war going..............
Being in love is, perhaps, the most fascinating aspect anyone can experience.
ReplyDeleteNice Collection.
ReplyDeletehttp://therachayita.blogspot.in/
ReplyDeleteजिंदगी है एक सफ़र पर ठहराव तो चाहिए
ReplyDeleteगलियों से गुजारे कितने मगर अपना एक गाँव तो चाहिए...bhut umda
Bahut badhiya Sahab.... maja aa gya....
ReplyDeleteJindagi bhagati hai par mein tehrna chahta hoon,
thak gya hai aaj ye tera sher,
maa kabhi to pukar mujhe,
kuch lamhe teri baahon mein sona chahta hoon,
All Problem solution by lady astrologr in few days.
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bahut badhiye likha hai aapne..
ReplyDeletehttps://shrikrishna444.blogspot.com/?m=1
ReplyDeleteआपकी रचना बहुत सुन्दर लगी, बहुत ही शानदार रचना है आगे भी
ReplyDeleteआपकी ऐसी ही रचनाओं का इन्तजार रहेगा।
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