Skip to main content

तीन नमूने

कॉलेज के नमूनो में था नंबर पहला,दूसरा व तीसरा
गोबर के ढ़ेर से निकले ,झा,ठाकुर और मिसरा
कॉलेज की माल तम्मना के लट देख मिसरा को डर लगता है
ठाकुर को उसपे डायन चुड़ैल का असर लगता है
ज्ञानी झा कहते है ई तो शहर का फैशन है
क्या गाँव में नहीं रचाते मेहंदी,लगाते उबटन है ?

जाने किस युग में अवतरित हुआ ये ब्रह्मचारी
मिसरा कॉलेज की लड़की को कहता है नारी
मूरख जेट के जमाने में चला रहा बैल गाड़ी
आज दुशाशन मिल भी जाए, कहाँ मिलेगी खींचने को साड़ी
माइक्रो पहन के कहती है मैं हूँ बड़ी शर्मीली
अगर बेशर्म हो जाए तो पैंट हो जायेगी गीली  !!











मिसरा रोज़ चंदन घीस रहा, भोलेनाथ आप से हो जाएँ
बोले प्रभू -पर इस जमाने में पार्वती कहाँ से लाएं ?
गलती से पड़ क्या गया स्वेता के सैंडल का हिल
मिसरा के घायल हुए दोनों पाँव और दिल
उसने हमदर्दी में बातें क्या कर ली दो - चार
बटुक महाराज को हो गया उससे प्यार

एक दिन तिलक लगा के बोल बड़ा दिल का हाल
अच्छे हो पर अभी बच्चे हो सुन हुआ मुंह लाल
ये सारे आशिक अपनी मर्दानगी कैसे जताते है
क्या इसीलिए वे इन्हे अँधेरे कोने में ले जाते हैं ?
सपना चूर हुआ,बेचारे मिसारा का गया दिल टूट
इस गम में कई रात वो रोता रहा फूट-फूट ।

ऐसे मर्द भी होते है जो लड़की के नाम पे रोते हैं !!
हम ठाकुर हैं ,हम लड़की पटाते नहीं उठा लेते है
हमारे यहाँ तो लड़कियां नाचती है नोट पर
जो नहीं नाचती, उन्हे नचाते है बन्दूक की नोक पर
हमारे डर से इस कदर काँपता है पूरा लखनऊ
पंक्षी पर नहीं मारता ,बिल्ली तक नहीं करती म्याऊ ।

एक दिन मीनी ने आवाज दी तो ठाकुर चौंका
लड़की से बतियाने का था पहला मौका
लटपटा गई जबान, काँपने लगा थर थर
कहो मीनी बजाय क.. कमीनी बोल पड़ा घबराकर
मीनी ने फिर ऐसा मारा खींच के चाटा
5 फुट का ठाकुर और भी हो गया नाटा ।








झाजी दिल नहीं दिल की बोरी लाए थे गाँव से लाद
कॉलेज में छीट रहे थे ऐसे जैसे खेंतो में खाद
झा ने खुद नहीं था पहले कभी कम्प्यूटर देखा
आओ तुम्हें माऊस चलाना सिखाता हूँ रेखा
बहाने से दिन भर हाथ पे हाथ रख मज़ा लूटा
शाम को पता चला तो पाण्डे  ने खूब कूटा ।

मेरा प्यार रूठा, आईआईटी छूटा ,इसे कहते होनी
कम से कम तुम तो मेरी हो जाओ सलोनी
कसम से हम तुमसे बहुत करते हैं प्यार
सच में  मर जाएंगे जो तूने किया इनकार
हम !! क्या अपने साथ लाये हो पूरा गाँव ?
अंकल कहीं और जाके फेको अपना ये दाँव ।

तुम पैदा हुई तो बेबी, बड़ी हुई तो बेबी और हम अंकल ?
हाँ अंकल,बकवास बंद कर और पतली गली से निकल
गुस्से से भरकर झा ने जैसे ही उसकी बाह मरोड़ी
पता नहीं कहाँ से एक टीचर आ गई दौड़ी दौड़ी
पूरे कॉलेज के सामने बनना पड़ गया मुर्गा
कॉलेज की सारी लड़कियाँ बहने हैं ,हैं माँ दुर्गा |

चालबाज निकला चम्पारण का चंपू बिहारी
कविता सुना सुना बाजी मार ले गया तिवारी
तम्मना को उसमे क्या दिख गया ख़ास
सारा दिन तो करता रहता है बकवास
रास लीला देख तीनो के छाती पर सांप लोट रहे है
कैसा इसका पत्ता काटा जाए सोच रहे हैं !!

Nishikant Tiwari

Funny hindi poem

Watch this video

Comments

  1. It was very useful for me. Keep sharing such ideas in the future as well. This was actually what I was looking for, and I am glad to came here! Thanks for sharing the such information with us.

    ReplyDelete
  2. Think you can tell which players will perform well in a cricket match? dimeapp.in is the place for you!

    On dimeapp.in, you can create your fantasy cricket team for a real-life match and compete with other players for big prizes. Remember, there are cash prizes for every match, so you create your fantasy teams and win real money every day.
    Can I actually win money on dimeapp.in?
    Absolutely! Lots of players have already won big prizes on dimeapp.in and you can too. We host different kinds of cash contests, each with its own entry fee and prize money.

    Choose a contest that you want to play, defeat the competition, and celebrate big wins!
    Is it safe to add money to dimeapp.in?
    Adding money to your dimeapp.in account is both simple and safe. We have many different payment options enabled on dimeapp.in and work hard to ensure that your personal details are safe with us.

    What's more, after you verify your personal details, you can withdraw the money that you win on dimeapp.in directly to your bank account.

    ReplyDelete

Post a Comment

Popular posts from this blog

कविता की कहानी (Hindi Love Stories)

नभ को काले बादलों ने घेर लिया था | दिन भर की गर्मी के बाद मौसम थोड़ा ठंडा हो गया था | मैं हमेशा की तरह अपने छत पर संध्या भ्रमण कर रहा था | एकाएक तेज़ हवाएं चलने लगीं | पेडो से पत्ते टूट कर आकाश की तरफ चले जा रहे थे | मैं खुद भी को एक पत्ता समझ कर उड़ने जैसा आनंद ले रहा था | तेज़ हवाएं अब आंधी का रूप लें चुकी थी | अचानक कविता दौड़ते हुए अपने छत पर आई और तार से कपड़े उतरने लगी | यह उसका रोज़ का काम था | लेकिन ये क्या ? आज वो गई नहीं बल्कि छत के किनारे आकर मुझे घूरने लगी | कुछ कहना चाहती थी पर चुप हीं रही |मेरा तो आज जम कर भींगने का मन कर रहा था और अब तो वर्षा भी तेज होने लगी थी |मैं मयूर सा झूमता पानी की बूंदों से खेलने लगा | कविता अभी तक गयी नहीं थी |सारे सूखे कपड़े गिले हो चुके थे | वो अब भी वहीँ खड़े निहार रही थी मुझे | यहाँ जल वर्षा के साथ साथ शबनम की भी बारिश हो रही थी | दोनों को एक साथ सहन करना मेरे बस में नहीं था | दिल में एक तूफ़ान सा उठने लगा | मैं नीचे उतर आया | कई बार उसके हाव भाव से लगा कि शायद वह मुझे चाहती है और इशारे से अपने दिल की बात कह रही है पर मैं सदेव इसे अपना भ्रम ...
 Bewafai Hindi Poem - ना कोई प्यार , न कोई छलावा प्यार के हर रंग देखे मैंने पहले आँखों के टकराने से लेकर देह के टकराने तक और फिर विचारों के टकराने से लेकर पसंद के टकराने तक | उठना बैठना, खाना पीना, जागना सोना हर बात पे टोकना , प्यार हो भी सकता है पर वो प्यार जो उसे कभी था हीं नहीं सबको साबित करना चाहती है और इसी चक्कर में मज़ाक बन गईं है, प्यार की मीठी - मीठी बातें और तमाशा बन गया है हमारा रिश्ता जिसमें वो मदारी और मैं बन्दर बन नाच रहा !     उसने मुझे समझा, पढ़ा पर उपन्यास के पहले और आखरी पन्ने की तरह जो हमेशा खाली रहता है मैंने उसे चाहा पर उस मुट्ठी में बंद रेत की तरह जो धीरे धीरे कब मेरे हाथ से निकल गया पता हीं नहीं चला,मैं इसी गुमान में रहा कि वो मुझे खुद से भी ज्यादा प्रेम करती है प्रेम एक से नहीं सभी से करना चाहिए ऐसा उसने कहा था मुझे एक बार और उसके इस विचार से गर्वान्वित भी हुआ था कि कितनी सह्रदयी लड़की है पर अब वो प्रणय जिसे मैं परिणय की तरफ ले जाना चाहता था लोगों का परिहास, मेरा पागलपन और उसका पाखंड बन के रह गया है   नियत और नियति में फर्क होता है पर इ...

पायल से तो घायल होना हीं था (Hindi Love Stories)

कॉलेज से निकलते हीं मुझे एक सॉफ्टवेर कंपनी में नौकरी मिल गयी |कॉलेज में बहुत सुन रखा था कि कंपनियों में एक से बढ़कर एक सुन्दर लड़कियां काम करती है |सोचा प्यार की नैया जो कॉलेज में पानी में तक उतर ना पायी थी उसे कंपनी में गहरे समुंदर तक ले जाऊँगा |मैं यहाँ आते हीं उस अप्सरा की खोज में लग गया जिसे इस कहानी की नायिका बनना था पर किस्मत ने यहाँ भी साथ नहीं दिया |कोई भी लड़की पसंद नहीं आई | जो प्यार नहीं करते वो लड़कियों की बातें करते है | मैं भी उनसे अलग नहीं हूँ | यहाँ कंपनी में मेरी कई लोगो से दोस्ती हो गयी थी और सबकी मेरी जैसी हीं स्थिति थी | जिस प्रकार कामसूत्र के रचयिता वात्स्यान ने नारी जाती को मोरनी ,हिरनी आदि भागो में विभक्त किया है वैसे हीं उनसे प्रेना पाकर हमने भी लड़कियों की कोडिंग स्कीम तैयार कर ली थी |हमने लड़कियों को चार भागो में बांटा १. वेरी गुड आईडिया २. गुड आईडिया ३. नोट अ बैड आईडिया ४. नोट अ आईडिया एट ऑल साथ हीं हमने सभी के पर्यावाची नाम भी रख दिए थे | उदाहरण के तौर पे मेरे सामने वाली लाइन में बैठी दो युवतियों का नाम हमने रूपमती और डबल बैटरी रखा था क्योकि एक बहुत...