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Wednesday, April 25, 2012

प्यार का बलिदान


छू कर तेरे गालों को ,क्या मिला मुझे इनकी कोमलता छीन कर
बिखरा के कजरा आंसुओ से अब इन्हें और न मलिन कर
हर सदमे से उबर जाऊँगा ,सदा की तरह मेरा आज भी यकीन कर |

अपनी खुशियों का बलिदान देकर ,मात-पिता को खुश करने चली है
जीवन जितना जटिल है, उतनी ही तू भोली पगली है
इस वियोग में कितना तड़प रही है तू ,मेरे प्यार में भी जली है |

छीन कर स्वयं को मुझसे ,अपने आप से ही रूठी है
मुझसे बिछड़ने का अब गम नहीं ,तेरी बातें तेरी हंसी जितनी झूठी है
तू निकल गई है प्रीत की जाल से ,उंगली में फंस गई मेरी अंगूठी है !!

by Nishikant Tiwari-  hindi love poem pyaa ka balidaan

4 comments:

  1. Nice lines buddy ...
    i am into writing too, kindly join me on http://indianpoemsblog.blogspot.in/
    And plz comment on how did those lines made you feel

    thanks

    ReplyDelete
  2. Here’s Harivanshrai Bachchan’s “Jo Beet Gayi So Baat Gayi” set to tune. Please post it on your blog.
    http://youtu.be/SELv1o95qvc

    ReplyDelete

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