आप ने दिया इतना सम्मान
कि याद करते हीं मुंह में आ जाता है पान
अब तक नाच रहा है जिह्वा पर खीर का स्वाद
सदा सुखी रहो है दरिद्र का आर्शीवाद |
छोले ,पूरियाँ ,आचार वो रायता
भूले कैसे पालक-पनीर का जायका
पर क्या कहे हुआ कितना अफ़सोस था
मन तो भरा नहीं ,पेट ठूस के हो गया ठोस था |
टूट गया धर्म मेरा पहली बार इस भोज में
ना बाँध के ले जा सका कुछ भी मैं संकोच में
पर चिंता मत कीजिये हमारा कम हीं पाप से मुक्ति दिलाना है
तो बस इतना बता दीजिये फिर कब भोज पे आना है |
Nishikant Tiwari
कि याद करते हीं मुंह में आ जाता है पान
अब तक नाच रहा है जिह्वा पर खीर का स्वाद
सदा सुखी रहो है दरिद्र का आर्शीवाद |
छोले ,पूरियाँ ,आचार वो रायता
भूले कैसे पालक-पनीर का जायका
पर क्या कहे हुआ कितना अफ़सोस था
मन तो भरा नहीं ,पेट ठूस के हो गया ठोस था |
टूट गया धर्म मेरा पहली बार इस भोज में
ना बाँध के ले जा सका कुछ भी मैं संकोच में
पर चिंता मत कीजिये हमारा कम हीं पाप से मुक्ति दिलाना है
तो बस इतना बता दीजिये फिर कब भोज पे आना है |
Nishikant Tiwari
Very Nice and tooo sweet :)
ReplyDeleteYou have really great collection of poetry sms messages.
ReplyDeleteThanks for this great work.
Keep it up