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दिल के टुकड़े

इन आँखों के सैलाब से दो बूंद पानी मांग लेते
तुम्हे हक़ था मेरी जवानी मांग लेते
जाते जाते इतना तो रहम किया होता
कि मुझसे अपनी वो प्यार की निशानी मांग लेते

Nishikant Tiwari

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