Skip to main content

 

पत्नी व्याख्या

 

पत्नी नामक प्राणी भारत सहित पुरे विश्व में बहुतायत से पाई जाती है. प्राचीन समय में यह भोजन शाला में पायी जाती थी, लेकिन वर्तमान में यह शौपिंग मोल्स, सिनेमा व् रेस्तौरेंट्स के नजदीक विचरती हुई अधिक पायी जाती है. पहले इस प्रजाति में लम्बे बाल, सुन्दर आकृति व् पुरे वस्त्र प्रायः पाये जाते थे, लेकिनअब छोटे बाल, अतयन्त छोटे वस्त्र, कत्रिम श्वेत मुख, रक्त के सामान होठ सामान्य रूप से देखे जा सकते है. इनका मुख्य आहार पति नामक मूक प्राणी होता है. भारत में इन्हें धर्म पत्नी, भाग्यवती, लक्ष्मी आदि नामो से भी जाना जाता है.अधिक बोलना, अकारण झगड़ना, अति व्यय करना, इस प्रजाति के मुख्य लक्षणों में से है. हलाकि इस प्रजाति पर सम्पूर्ण अध्यन करना संभव नहीं है,किन्तु सामान्यतः इनके निम्न प्रकार होते है

१. सुशिल पत्नी - यह प्रजाति अब लुप्त हो चुकी है. इस प्रजाति के प्राणी सुशिल व् सहनशील होते थे और घरो में ज्यादा पाये जाते थे.

२. आक्रमक पत्नी - यह प्रजाति भारत सहित पुरे विश्व में बहुत अधिक मात्रा में पायी जाती है. ये अपनी आक्रामक शैली व् तेज प्रहार के लिए जानी जाती है.समय आने पर ये बेलन, झाड़ू व् चरण पादुका (जूते /चप्पल ) का उपयोग अधिक करती है.

३. झगडालू पत्नी - यह प्रजाति भी वर्तमान में सभी जगह पायी जाती है. इन्हें जॊर से बोलना व् झगडा करना अतंत्य पसंद होता है. इनका अधिकतर सामना "सास" नामक एक और अतंत्य खतरनाक प्राणी से होता है.

४. खर्चीली पत्नी - भारत जैसे गरीब देश में भी पत्नियों की ये प्रजाति निरर्न्तर बढती जा रही है. इनकी मुख्य आदतों में क्रेडिट कार्ड रखना, बिना सोचे-समझे खर्च करना और बिना जरूरत वस्तुए खरीदना है. इस प्रजाति के साथ पति नामक प्राणी को चप्पल पहने थका हुआ पीछे पीछे घूमते देखा जा सकता है.

५. नखरीली पत्नी - इस प्रजाति के प्राणी अधिकतर आयने के सामने देखी जाती है. इनके होठ रक्त के सामान लाल, नाख़ून बड़े बड़े, केश सतरंगी और चहरा श्वेतपाउडर से लीपा होता है. इन्हें भोजन शाला में जाना और काम करना नापसंदहोता है.

चेतावनी - पति नामक प्राणी के लिए इस प्रजाति के प्राणी अतंत्य खतरनाक होते है. इन्हें साड़ी, गिफ्ट्स, फ्लावर्स के द्वारा कुछ समय के लिए नियंत्रित किया जा सकता है | आवश्यकता पड़ने पर पत्नी जप का पाठ करें। इन्हे सुंदरी , अतिसुन्दरी ,जानू ,बेबी आदि नामों से बुलाएं और बहार शॉपिंग करा कर बढ़िया रेस्तरां में खाना खिला के प्रस्सन करें। इससे आपके जीवन में सुख-शांति बनी रहेगी !!

Nishikant Tiwari

Comments

Popular posts from this blog

 Bewafai Hindi Poem - ना कोई प्यार , न कोई छलावा प्यार के हर रंग देखे मैंने पहले आँखों के टकराने से लेकर देह के टकराने तक और फिर विचारों के टकराने से लेकर पसंद के टकराने तक | उठना बैठना, खाना पीना, जागना सोना हर बात पे टोकना , प्यार हो भी सकता है पर वो प्यार जो उसे कभी था हीं नहीं सबको साबित करना चाहती है और इसी चक्कर में मज़ाक बन गईं है, प्यार की मीठी - मीठी बातें और तमाशा बन गया है हमारा रिश्ता जिसमें वो मदारी और मैं बन्दर बन नाच रहा !     उसने मुझे समझा, पढ़ा पर उपन्यास के पहले और आखरी पन्ने की तरह जो हमेशा खाली रहता है मैंने उसे चाहा पर उस मुट्ठी में बंद रेत की तरह जो धीरे धीरे कब मेरे हाथ से निकल गया पता हीं नहीं चला,मैं इसी गुमान में रहा कि वो मुझे खुद से भी ज्यादा प्रेम करती है प्रेम एक से नहीं सभी से करना चाहिए ऐसा उसने कहा था मुझे एक बार और उसके इस विचार से गर्वान्वित भी हुआ था कि कितनी सह्रदयी लड़की है पर अब वो प्रणय जिसे मैं परिणय की तरफ ले जाना चाहता था लोगों का परिहास, मेरा पागलपन और उसका पाखंड बन के रह गया है   नियत और नियति में फर्क होता है पर इस समय दोनों मेरे सा

कविता की कहानी (Hindi Love Stories)

नभ को काले बादलों ने घेर लिया था | दिन भर की गर्मी के बाद मौसम थोड़ा ठंडा हो गया था | मैं हमेशा की तरह अपने छत पर संध्या भ्रमण कर रहा था | एकाएक तेज़ हवाएं चलने लगीं | पेडो से पत्ते टूट कर आकाश की तरफ चले जा रहे थे | मैं खुद भी को एक पत्ता समझ कर उड़ने जैसा आनंद ले रहा था | तेज़ हवाएं अब आंधी का रूप लें चुकी थी | अचानक कविता दौड़ते हुए अपने छत पर आई और तार से कपड़े उतरने लगी | यह उसका रोज़ का काम था | लेकिन ये क्या ? आज वो गई नहीं बल्कि छत के किनारे आकर मुझे घूरने लगी | कुछ कहना चाहती थी पर चुप हीं रही |मेरा तो आज जम कर भींगने का मन कर रहा था और अब तो वर्षा भी तेज होने लगी थी |मैं मयूर सा झूमता पानी की बूंदों से खेलने लगा | कविता अभी तक गयी नहीं थी |सारे सूखे कपड़े गिले हो चुके थे | वो अब भी वहीँ खड़े निहार रही थी मुझे | यहाँ जल वर्षा के साथ साथ शबनम की भी बारिश हो रही थी | दोनों को एक साथ सहन करना मेरे बस में नहीं था | दिल में एक तूफ़ान सा उठने लगा | मैं नीचे उतर आया | कई बार उसके हाव भाव से लगा कि शायद वह मुझे चाहती है और इशारे से अपने दिल की बात कह रही है पर मैं सदेव इसे अपना भ्रम

पायल से तो घायल होना हीं था (Hindi Love Stories)

कॉलेज से निकलते हीं मुझे एक सॉफ्टवेर कंपनी में नौकरी मिल गयी |कॉलेज में बहुत सुन रखा था कि कंपनियों में एक से बढ़कर एक सुन्दर लड़कियां काम करती है |सोचा प्यार की नैया जो कॉलेज में पानी में तक उतर ना पायी थी उसे कंपनी में गहरे समुंदर तक ले जाऊँगा |मैं यहाँ आते हीं उस अप्सरा की खोज में लग गया जिसे इस कहानी की नायिका बनना था पर किस्मत ने यहाँ भी साथ नहीं दिया |कोई भी लड़की पसंद नहीं आई | जो प्यार नहीं करते वो लड़कियों की बातें करते है | मैं भी उनसे अलग नहीं हूँ | यहाँ कंपनी में मेरी कई लोगो से दोस्ती हो गयी थी और सबकी मेरी जैसी हीं स्थिति थी | जिस प्रकार कामसूत्र के रचयिता वात्स्यान ने नारी जाती को मोरनी ,हिरनी आदि भागो में विभक्त किया है वैसे हीं उनसे प्रेना पाकर हमने भी लड़कियों की कोडिंग स्कीम तैयार कर ली थी |हमने लड़कियों को चार भागो में बांटा १. वेरी गुड आईडिया २. गुड आईडिया ३. नोट अ बैड आईडिया ४. नोट अ आईडिया एट ऑल साथ हीं हमने सभी के पर्यावाची नाम भी रख दिए थे | उदाहरण के तौर पे मेरे सामने वाली लाइन में बैठी दो युवतियों का नाम हमने रूपमती और डबल बैटरी रखा था क्योकि एक बहुत