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Saturday, August 16, 2025

Aab mai kaya kahu ? 


हो जज़्बात जितने हैं दिल में, मेरे ही जैसे हैं वो बेज़ुबान

जो तुमसे मैं कहना न पाई, कहती हैं वो मेरी ख़ामोशियाँ

सुन सको तो सुनो वो जो मैंने कहा नहीं

सच तो है कहने को अब कुछ रहा नहीं

Aab mai kaya kahu ?  हो जज़्बात जितने हैं दिल में, मेरे ही जैसे हैं वो बेज़ुबान जो तुमसे मैं कहना न पाई, कहती हैं वो मेरी ख़ामोशियाँ सुन स...