Aab mai kaya kahu ?
हो जज़्बात जितने हैं दिल में, मेरे ही जैसे हैं वो बेज़ुबान
जो तुमसे मैं कहना न पाई, कहती हैं वो मेरी ख़ामोशियाँसुन सको तो सुनो वो जो मैंने कहा नहीं
सच तो है कहने को अब कुछ रहा नहीं
Aab mai kaya kahu ? हो जज़्बात जितने हैं दिल में, मेरे ही जैसे हैं वो बेज़ुबान जो तुमसे मैं कहना न पाई, कहती हैं वो मेरी ख़ामोशियाँ सुन स...