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Showing posts from June, 2009

एक ठोकर लगाने आ जाते

एक इशारा तो किया होता ,कब मैं तुमसे दूर थी तुमने हाथ तभी माँगा जब हो चुकी मजबूर थी वर्षों किया इंतजार मैंने पर तू पल भर भी न ठहर सका पूरा किया वो काम जो न कर कभी जहर सका सब कुछ भुला दिया इस कदर की ना मेरा नाम याद रखा मैं बेवफा हूँ ये इल्जाम याद रखा कभी तो लौट के आओगे जाने क्यों ये भरोसा था प्यार का तूफ़ान समझा जिसे वो तो बस एक चाहत का झोकां था प्यार नहीं एहसान सही ,थोड़ी दया दिखाने आ जाते अभी भी छुपे हैं दिल में अरमान कई ,एक ठोकर लगाने आ जाते Nishikant Tiwari

फेर लड़कियों के नाम की मनका

जलता रहा है दिल कब से, अब सिर्फ राख बाकी है मिल ना सका प्यार जो उसकी अभी भी तलाश बाकी है यू नहीं गुजारते रात जाग कर और नींद में भी चीखते रहे मुझे प्यार कर ,मुझे प्यार कर दुरिया मिटाने की हर संभव प्रयास जारी है हर लड़की लगती खुबसूरत हर लड़की लगती प्यारी है फिर भी कोई पास ना आए तो दिल क्या करे, टकटकी लगा कर देख रहे सबको हम खड़े खड़े जाने कितनी गालियाँ पड़ी और पिट चूका कई बार है पर प्यार के लिए हर जिल्लत, हर मार करनी पड़ती स्वीकार है ऐ दोस्त मेरे तू गम ना कर वो दिन कभी तो आएगा कोई तो देख तुम्हे शर्माएगी जब तू देख उसे मुस्काएगा मत सोचो गोरी है या काली, सुंदरी के कई रूप है जो मिल जाए अपना लो ,सब एक ही चाहत की धुप है अर्जुन की तरह तुम्हारा लक्ष्य केवल पाना प्यार है चाहे जो भी करना पड़े तुम्हे अगर सब स्वीकार है तो जान लो ये कि तेरा इतना मेहनत करना बेकार है आज कल प्यार बिकाऊ है ,सारी दुनिया खरीदार है अगर पैसा है ,बना सकते हो बातें गोल गोल तो तेरी भी बज सकती है फटी ढोल खुल के बोली लगा दे किसी के नाम की तुझे ज़रूर मिलेगी तेरे काम की क्या कहा, ना बातें बड़ी नाही पैसा है तो तू भी मेरे जैसा है आ बैठ , फेर...

मै शायद इश्क को पहचानता नहीं (Hindi Love Stories)

कौन है वो ?क्या नाम है उसका ?अब हर तरफ ऑफिस में यही चर्चा है सब मुझसे आकर पूछ रहे है और पूछे भी क्यों न मेरे कोने वाली सीट पर एक नई लड़की ने ज्वाइन किया है बाकी कुछ तो पता नहीं पर उम्र से तो काफी कम मालूम पड़ती है बीच बीच में उठते बैठते नज़रें टकरा जातीं हैं वो भी कभी कभी मेरी तरफ देख लेती है जब वो मेरी तरफ देख रही होती है मैं अपनी नज़र कंप्यूटर के स्क्रीन पर टिका लेता हूं ताकि उसे ये ना मालूम पड़े कि मै उसे देख रहा हूँ एक सप्ताह बीत गए मैंने उसे हाय तक नहीं कहा मन में बड़ी ग्लानी हो रही थी सो सोमवार को जाते ही उसे हाय बोला , वह भी मुस्कुरा कर हेलो बोली आपका नाम क्या है बोली "मृदुला राजपूत" आपको कितने साल का एक्सपेरिएंस है ?"मैं फ्रेशेर हूँ " मैं वेद हूँ जावा में काम करता हूँ आपको कितना एक्सपेरिएंस है ? "दो साल " क्या आप मेरे साथ चाय पीना पसंद करेंगी ? मेरे मुंह से अचानक निकल गया इससे पहले मैंने कभी किसी लड़की को चाय के लिए नहीं बोला था पर आज ना जाने क्यों पहली मुलाकात में हीं यह बात निकल गयी वह एक आधुनिक लड़की थी उसके लिए लड़को के साथ चाय पीना कोई नयी या वि...