एक पल के लिए हँसता एक पल में रोता है,
पल भर में जागता,पल भर के लिए सोता है,
शादी के पहले कुछ कुछ होता था,
शा़दी के बाद बहुत कुछ होता है ।
घर में घूसे तो उड़ जाए मेरी साँस,
आ जाए अगर पास तो बिछ जाए मेरी लाश,
इन माँ बेटी से हिटलर भी खा जाए मात,
जाने कौन सा खाती है ये च्यवनप्राश,
पर मुझे तो मिलती सुखी रोटी और चोखा है,
शादी के पहले कुछ कुछ होता था,
शा़दी के बाद बहुत कुछ होता है ।
बर्तन माँजना खाना पकाना,
पोछा लगना , कपड़े धोना और पैर दबाना,
आदमी शादी के पहले हीं आदमी रहता है,
उसके बाद बैल ऊल्लू या गद्धा होता है,
डारलिंग डारलिंग कहते थक गया तोता है,
शादी के पहले कुछ कुछ होता था,
शा़दी के बाद बहुत कुछ होता है ।
एक दिन सोते समय मैडमजी का पैर दबाते दबाते गर्दन दबाना चाहा,
तभी उसने करवट फेरी और मेरी तीन हड्डियों का हो गया स्वाहा,
दिल तो पहले हीं खो दिया था लगता है दिमाग भी अब खो दूँगा,
तीन महिने बिस्तर पर पड़े पड़े जाने क्या कर बैठूँगा,
मित्र सब समझा रहे कि जिन्दगी में सब कुछ होता है,
पर यार शादी के पहले कुछ कुछ होता था
शादी के बाद बहुत कुछ होता है ।
एक दिन अस्पताल आकर पत्नी बोली मुझे तलाक चाहिए,
ऐसा लगा जैसे भगवान ने स्वयं प्रगट होकर कहा हो,
बच्चे तुम्हें क्या चाहिए,
खुशी से उछ्ल कर बोला- तलाक तलाक तलाक,
जाने से पहले थप्पड़ जड़ दी तड़ाक तड़ाक तड़ाक,
बकरा शादी के दिन और तलाक के दिन भी रोता है,
शादी के पहले कुछ कुछ होता था,
शा़दी के बाद बहुत कुछ होता है ।....
Nishikant Tiwari
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