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List Of Love Poems by me



  1. तुम‌ जॊ मुझॆ मिल गई हॊ
  2. तेरे हाथो मिट जाने
  3. इन्तज़ार
  4. खामोशी और बरसात की रात
  5. नव योवना
  6. आखिर कब तक
  7. प्यार बचपन का
  8. बड़ी खुबसुरत
  9. पर्दा बेदर्दी
  10. किसकी सारी उम्मीदें हुई पूरी है
  11. कोइ तो हमारा होता
  12. हम वो गुलाब है
  13. हम फिर मिलेंगे
  14. आज में सुनहरा कल
  15. है अगर ईश्क तो आँखो में उतर आने दे ।

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कविता की कहानी (Hindi Love Stories)

नभ को काले बादलों ने घेर लिया था | दिन भर की गर्मी के बाद मौसम थोड़ा ठंडा हो गया था | मैं हमेशा की तरह अपने छत पर संध्या भ्रमण कर रहा था | एकाएक तेज़ हवाएं चलने लगीं | पेडो से पत्ते टूट कर आकाश की तरफ चले जा रहे थे | मैं खुद भी को एक पत्ता समझ कर उड़ने जैसा आनंद ले रहा था | तेज़ हवाएं अब आंधी का रूप लें चुकी थी | अचानक कविता दौड़ते हुए अपने छत पर आई और तार से कपड़े उतरने लगी | यह उसका रोज़ का काम था | लेकिन ये क्या ? आज वो गई नहीं बल्कि छत के किनारे आकर मुझे घूरने लगी | कुछ कहना चाहती थी पर चुप हीं रही |मेरा तो आज जम कर भींगने का मन कर रहा था और अब तो वर्षा भी तेज होने लगी थी |मैं मयूर सा झूमता पानी की बूंदों से खेलने लगा | कविता अभी तक गयी नहीं थी |सारे सूखे कपड़े गिले हो चुके थे | वो अब भी वहीँ खड़े निहार रही थी मुझे | यहाँ जल वर्षा के साथ साथ शबनम की भी बारिश हो रही थी | दोनों को एक साथ सहन करना मेरे बस में नहीं था | दिल में एक तूफ़ान सा उठने लगा | मैं नीचे उतर आया | कई बार उसके हाव भाव से लगा कि शायद वह मुझे चाहती है और इशारे से अपने दिल की बात कह रही है पर मैं सदेव इसे अपना भ्रम

पायल से तो घायल होना हीं था (Hindi Love Stories)

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कल तक था उसे प्यार, आज नहीं है

उसकी आँखों में कितना प्यार कितनी सच्चाई दिखती मेरी कितनी चिंता थी, कितना ख्याल रखती जुदा होने की सोच के कैसे घबरा जाती ऐसे गले लगती कि मुझमे समा जाती उसके प्यार रस में भीग, लगता सब सही है कल तक था उसे प्यार, आज नहीं है | कितने साल महीने हर पल उस पर मरते रहे अपनी खुशनसीबी समझ सब सहते रहे, सब करते रहे हृदय की हर धड़कन उसका नाम पुकारा करती थी जान हथेली पे ले दौड़ जाते जो एक इशारा करती थी हामारे तो दिल में आज भी ज़ज्बात वही है कल तक था उसे प्यार, आज नहीं है | कहती कि बात किये बिना नींद नहीं है आती अब क्या हो गया कि मेरा फोन नहीं उठती ? सोच के है दम घुटता , साँसे रुकती है निर्लज इन आँखों से गंगा जमुना बहती है जितना मैं तड़प रहा, क्या मरता हर कोई है ? कल तक था उसे प्यार, आज नहीं है | जानू तुम ना मिले तो मर जाउंगी ज़हर खाके अब किसी और संग पिज़ा खाती है कुर्सियां सटाके पैर पे पैर रख केर घंटो बातें होतीं हैं क्या सच में लड़कियां इतनी निर्दयी होती हैं ? क्यों वो मेरे साथ ऐसा कर रही है ? कल तक था उसे प्यार, आज नहीं है | जब तक था उसे प्यार, लगता बस मेरे लिए बनी है अचान