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दुगना मर्द

एक दिन बोले मेरे दोस्त तू मर्द नही है,
जो काम कर सकते है हम वो तू कर सकता नही है,
हम सब ने है एक एक लड़की पटाई,
पर तू अभी बच्चा है जा खा दुध मलाई,
मैं बोला-तुम सब ने है एक एक लड़की पटाई मैं दो पटाउँगा,
दुगना मर्द हूँ साबित कर के दिखलाऊँगा ।


सड़क किनारे एक लड़की जा रही थी,
मैंने आव देखा न ताव बस दे फेखा दाँव,
बोला-शायद आपका नाम रेखा है ,
लगता है आपको पहले भी कहीं देखा हैं,
कहाँ ? पागलखाने में,
मैं बोला-अच्छा तो आप भी वहीं थी,
नही नही मैं अपने पिछले प्रेमी से मिलने गई थी
सुन के उसकी बातों यारों खुद से कहा तुरन्त यहाँ से भागो ।
.
फिर सिनेमा हाल के सामने एक दुसरी लड़की से हाथ मिलाया,
और अपनी बदनसीबी का झुठा दुखड़ा कह सुनाया,
बोली कहानी पुरी फ़िल्मी है पर इसमें क्लाइमेक्स नही है,
मैं पूरी कहानी बनाती हूँ क्लाइमेक्स क्या होता है तुझको बताती हूँ,
पहले धीरे से मुस्काई और फिर सैंडल उठाया,
भागते भागते कलेजा पानी हो आया ।
.
बेकार मैं घूम रहा था गली गली,
मेरे घर के बगल में रहती थी एक सुन्दर कली,
एक दिन देखते हीं उसे मैने हाथ हिलाया,
पहले तो एक देखी फिर हँसी,
मैं समझ गया कि लड़की फ़सी,
देखकर मेरी चढती जवानी हो गई मेरी दीवानी
चलो एक तो पटी अकड़ से चाल हो गई मर्दानी ।
.
एक दोस्त के जन्मदिन पर जैसे हीं एक लड़की ने,
दोस्त को केक खिलाना चाहा,
तभी बत्ती हो गई गुल और केक मेरे मुँह में आया,
बिजली के आती हीं उससे आँखे चार हो गई,
वह दिलनशी दिलरुबा दिल का करार हो गई,
मैने ऊसे हीं ऊपहार पकड़ा दिया और वह मेरी यार हो गई
.
सारे दोस्तो की बोलती हो गई बंद,
बोले हम तो रह गए देवदास वह बन गया देवानंद,
एक दिन रेस्टोरेंट में मैंने पहली को बुलाया,
तो दोस्तो ने फ़ोन कर दुसरी को पता पताया ।
.
फिर क्या कहे क्या हुआ हाल,
दोनो पकड़ के खिंचने लगे एक दुसरे का बाल,
मैं सोचा ये क्या हो गया गड़बड़ घोटाला,
कहीं जीजा बनने के चक्कर में ना बनना पड़ जाए साला ।
.
एक का भाई रंगदार था तो दुसरे का बाप पुलिसवाला,
दोनो ने साथ मिल कर डाका डाला,

लोफ़र लुच्चा आवारा आज तुझे दिन में दिखाएंगे तारा,

बुझाएंगे तेरी जवानी लाएंगे तेरा बुढापा,
मार इतनी पड़ेगी चिल्लाओगे पापा पापा,
आगे
का तो आप समझ गए होंगे हाल,
मार इतनी पड़ी कि लचक गई कमर बदल गई चाल,
अब लड़की क्या उसकी परछाई से भी डरता हूँ,
आज भी सपने में पापा चिल्लाया करता हूँ ।...


Nishikant Tiwari

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